स्वागत भाषण (Welcome Speech)
नमस्कार, आदरणीय प्राचार्य महोदय / महोदया, माननीय शिक्षकगण, हमारे विशेष अतिथि और मेरे प्यारे साथियों।
आज मैं बहुत ही गर्व और उत्साह के साथ इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता/करती हूँ।
मित्रों, जीवन एक ऐसा सफर है जिसमें हमें हर दिन कुछ नया सीखने, कुछ नया समझने और कुछ नया करने का अवसर मिलता है। लेकिन कभी-कभी हम थक जाते हैं, रुक जाते हैं या हार मानने लगते हैं। ऐसे समय में हमें प्रेरणा (Motivation) की ज़रूरत होती है। और यही प्रेरणा हमें हमारे जीवन को सफल बनाने की शक्ति देती है।
आज का यह कार्यक्रम एक साधारण सभा नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है—जहाँ हम सब मिलकर अपने अंदर छुपी हुई शक्ति को पहचानेंगे, अपने सपनों को उड़ान देंगे और यह जानेंगे कि कोई भी कठिनाई हमें रोक नहीं सकती।
भूमिका (Setting the Tone)
दोस्तों, प्रेरणा केवल शब्दों से नहीं आती, बल्कि वह हमारे कर्मों से, हमारे विचारों से और हमारे विश्वास से जन्म लेती है।
आज का कार्यक्रम आपको यही सिखाएगा—कि असफलता अंत नहीं है, बल्कि सफलता की ओर बढ़ने का पहला कदम है।
एक बार किसी ने कहा था:
“हारने वाला वही है, जो कोशिश करना छोड़ देता है।”
आज हम कोशिश की इसी ताक़त को महसूस करेंगे।
पहला भाग: आत्मविश्वास की शक्ति
सबसे पहले मैं आप सभी से कहना चाहता/चाहती हूँ कि सफलता की पहली सीढ़ी है आत्मविश्वास (Self-Confidence)।
अगर हमें खुद पर भरोसा है, तो दुनिया की कोई ताक़त हमें हरा नहीं सकती।
सोचिए अगर महात्मा गांधी ने आत्मविश्वास न दिखाया होता, तो क्या आज़ादी की लड़ाई जीत पाना संभव होता?
अगर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपनी गरीबी को अपनी कमजोरी मान लिया होता, तो क्या वे भारत के मिसाइल मैन और राष्ट्रपति बन पाते?
तो सबसे पहले हमें यह सीखना है कि खुद पर विश्वास रखो।
(यहाँ एंकर दर्शकों से संवाद कर सकता है)
“क्या आप सभी मानते हैं कि आत्मविश्वास सफलता की पहली कुंजी है?”
(दर्शक हाँ कहेंगे, ताली बजाएँगे)
दूसरा भाग: असफलता से सीखना
अब हम बात करेंगे Failure (असफलता) की।
मित्रों, असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उसे अपनाना चाहिए।
थॉमस एडिसन ने जब बल्ब बनाया, तो वे एक-दो बार नहीं, बल्कि हज़ार से भी ज़्यादा बार असफल हुए। लेकिन उन्होंने कहा:
“मैं असफल नहीं हुआ, मैंने बस ऐसे 1000 तरीके खोजे जो काम नहीं करते।”
यही सोच हमें भी अपनानी है।
अगर आप किसी परीक्षा में असफल हुए हैं, किसी इंटरव्यू में रिजेक्ट हुए हैं, या किसी खेल में हार गए हैं—तो यह आपकी हार नहीं है, बल्कि यह आपकी जीत की तैयारी है।
प्रेरणादायक कहानी (Act for Motivation)
आइए एक छोटी-सी कहानी सुनते हैं।
एक छोटा-सा पक्षी था जो उड़ना चाहता था। पहली बार उसने कोशिश की और वह गिर गया। दूसरी बार उसने कोशिश की, फिर गिर गया। बार-बार गिरने के बाद उसके दोस्त हँसने लगे। लेकिन उसने हार नहीं मानी।
और एक दिन वही पक्षी ऊँचे आसमान में उड़ रहा था।
दोस्तों, यही संदेश है—“गिरना बुरा नहीं है, लेकिन गिरकर उठना छोड़ देना सबसे बड़ी गलती है।”
तीसरा भाग: सकारात्मक सोच (Positive Thinking)
सकारात्मक सोच (Positive Thinking) हमें कठिनाई के अंधेरे में भी रोशनी दिखाती है।
अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं—तो आप सच में कर सकते हैं।
अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते—तो आप कभी नहीं कर पाएंगे।
(एंकर दर्शकों से पूछेगा)
“आप में से कितने लोग मानते हैं कि Positive Thinking से जिंदगी बदल सकती है?”
(दर्शक हाथ उठाएँगे, ताली बजाएँगे)
चौथा भाग: लक्ष्य (Goal Setting)
जीवन बिना लक्ष्य (Goal) के अधूरा है।
जैसे एक नाव बिना दिशा के समुद्र में भटक जाती है, वैसे ही एक इंसान बिना लक्ष्य के जिंदगी में भटक जाता है।
अपने लिए लक्ष्य तय करें।
उस पर मेहनत करें।
और तब तक मेहनत करें जब तक सफलता आपको गले न लगा ले।
याद रखिए—
“छोटे लक्ष्य हमें छोटी खुशी देते हैं, लेकिन बड़े लक्ष्य हमें बड़ी पहचान देते हैं।”
बीच में छोटा एक्ट (Audience Interaction Act)
(यहाँ एंकर विद्यार्थियों या दर्शकों से कह सकता है)
“आइए हम सब खड़े हों, अपनी आँखें बंद करें, और अपने सपने की तस्वीर अपने दिल में देखें। सोचिए कि आप अगले 5 साल में क्या बनना चाहते हैं—डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, खिलाड़ी, या व्यवसायी।
क्या आप उसे देख पा रहे हैं? अब अपने दिल से कहिए—‘हाँ, मैं कर सकता/सकती हूँ!’”
पूरा हॉल गूँज उठेगा और माहौल प्रेरणादायक बन जाएगा।
पाँचवाँ भाग: समय का महत्व (Value of Time)
मित्रों, सफलता का एक सबसे बड़ा राज़ है—समय का सही उपयोग।
समय कभी लौटकर नहीं आता। जो इसे बर्बाद करता है, वह अपनी सफलता खो देता है।
“समय सोने से भी कीमती है, क्योंकि सोना तो खरीदा जा सकता है, लेकिन समय नहीं।”
छठा भाग: मेहनत और लगन
अब बात करते हैं मेहनत की।
दोस्तों, बिना मेहनत के कोई सपना सच नहीं होता।
“पसीना बहाए बिना, मंज़िल नहीं मिलती।”
कभी-कभी लोग कहते हैं कि किस्मत सब कुछ तय करती है। लेकिन मैं कहूँगा—
किस्मत भी उसी का साथ देती है जो मेहनत करना जानता है।
प्रेरणादायक कोट्स
यहाँ एंकर कुछ उद्धरण बोल सकता है:
- “सपने वो नहीं जो हम नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।” – ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
- “जिसे खुद पर विश्वास है, वह पूरी दुनिया को जीत सकता है।”
- “हार मान लेना सबसे आसान है, लेकिन जीतना उसी का काम है जो डटा रहता है।”
विशेष भाषण (Special Motivational Speech Segment)
अब मैं आप सबको एक छोटी-सी प्रेरणादायक पंक्तियाँ सुनाता/सुनाती हूँ:
“तू चल, जैसे चलना तुझे आता है,
तू बढ़, जैसे बढ़ना तुझे भाता है।
राहें मुश्किल होंगी, पर मंज़िल मिलेगी,
बस खुद पर यक़ीन रख, तू जीत जाएगा।”
समापन की ओर (Towards Ending)
जीवन में कोई भी चीज़ असंभव नहीं है।
अगर आप ठान लें, तो आप कर सकते हैं।
धन्यवाद और समापन (Ending Speech)
आदरणीय प्राचार्य महोदय / महोदया, शिक्षकों, और मेरे सभी साथियों—
आज का यह कार्यक्रम यहीं पर समाप्त होता है।
आशा करता/करती हूँ कि आप सभी को इस प्रेरणादायक सभा से नई ऊर्जा, नई सोच और नया जोश मिला होगा।
आइए हम सब मिलकर यह प्रण लें कि हम अपने जीवन में कभी हार नहीं मानेंगे, हमेशा आगे बढ़ेंगे और एक दिन अपने देश और परिवार का नाम रोशन करेंगे।
आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद।