महिला दिवस का महत्व और इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, जिसे ‘महिला दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है, हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का उत्सव है और लैंगिक समानता की दिशा में जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। महिला दिवस की शुरुआत 1908 में न्यूयॉर्क में हुई थी, जब महिलाओं ने अपने काम के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और वोट देने के अधिकार की मांग को लेकर एकजुट होकर आवाज उठाई।
महिला दिवस का उद्देश्य
महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि समाज की प्रगति के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण आवश्यक है।
महिला दिवस पर कविताएँ
महिला दिवस के अवसर पर, कई कवियों ने महिलाओं की महिमा, संघर्ष और सशक्तिकरण पर कविताएँ लिखी हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कविताएँ प्रस्तुत हैं:
एक उम्र के बाद – गगन गिल
“एक उम्र के बाद माएं
खुला छोड़ देती हैं लड़कियों को
उदास होने के लिए!
माएं सोचती हैं
इस तरह करने से
लड़कियां उदास नहीं रहेंगी,
कम-अज़-कम उन बातों के लिए तो नहीं
जिनके लिए रही थीं वे
या उनकी मां
या उनकी मां की मां”
स्त्री-पुरुष संवाद – हरिवंशराय बच्चन
“स्त्री
जाओ, लाओ, पिया, नदिया से सोन मछरी
पिया, सोन मछरी; पिया, सोन मछरी
जाओ, लाओ, पिया, नदिया से सोन मछरी
जिसकी हैं नीलम की आंखे,
हीरे-पन्ने की हैं पांखे,
वह मुख से उगलती है मोती की लरी
पिया मोती की लरी; पिया मोती की लरी
जाओ, लाओ, पिया, नदिया से सोन मछरी”
बदली जान जाती है धरती की प्यास – रंजना जायसवाल
“बदली
दूर रहकर भी
जान जाती है
धरती की प्यास
और आकाश के अनुशासन को
तोड़कर बरस पड़ती है
जैसे दुधमुंहे बच्चे की
मां के स्तनों से
टपकने लगता है दूध
बच्चे की भूख के समय…”
कोई उस औरत को बतलाए – नीरा परमार
“कोई उस औरत को बतलाए
आखिर क्यों दे रही है वह किसी को
अपनी जिंदगी से जुड़े सवालों के जवाब?
आखिर कब बंद होगी
दीवार में ठुंकती कील-सी
प्रश्नों की ठक-ठक”
सपनों में भागी स्त्री का पीछा – निर्मला पुतुल
“सपनों में भागती
एक स्त्री का पीछा करते
कभी देखा है तुमने उसे
रिश्तों के कुरुक्षेत्र में
अपने…आपसे लड़ते।
तन के भूगोल से परे
एक स्त्री के
मन की गांठे खोलकर
कभी पढ़ा है तुमने
उसके भीतर का खौलता इतिहास
अगर नहीं
तो फिर जानते क्या हो तुम
रसोई और बिस्तर के गणित से परे
एक स्त्री के बारे में….।”
महिला दिवस पर शायरी
महिला दिवस के अवसर पर, महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण को समर्पित कुछ शायरी प्रस्तुत हैं:
- “दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने में गुजर गई,
जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं,
सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई।” - “अपमान मत करना नारियों का,
इनके बल पर तो जग चलता है,
अरे मर्द भी जन्म लेकर इन्हीं की तो गोद में पलता है।” - “लड़कियों के मायके भी होते हैं,
ससुराल भी होते हैं पर घर नहीं होते,
मां-बाप कहते हैं लड़कियां पराये घर की होती हैं
ससुराल वाले कहते हैं कि ये पराये घर से आई हैं,
खुदा अब तू ही बता बेटियां किस घर के लिए बनाई हैं।” - “पापा की वो लाड़ली, मां की है वो जान,
भाइयों की है मुस्कान, परिवार की है शान,
प्यार से भरा उसका दिल, करती सब पर जान कुर्बान
ये है एक लड़की की पहचान।” - “हौंसलों से उड़ान भरती है नारी,
हर मुश्किल से लड़ती है नारी।”
महिला दिवस पर हिंदी में उद्धरण
महिला दिवस के अवसर पर, प्रेरणादायक उद्धरण महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख उद्धरण प्रस्तुत हैं:
- “नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पग तल में।
पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में।”
— जयशंकर प्रसाद - “अगर आप कुछ कहना चाहते हैं, तो किसी आदमी से कहें। अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो किसी महिला से कहें।”
— मार्गरेट थैचर - “महिलाएं दुनिया का सबसे बड़ा अछूता संसाधन हैं।”
— हिलेरी क्लिंटन - “हर सफल महिला के पीछे खुद उसकी कड़ी मेहनत और संघर्ष होता है।”
— माया एंजेलो
महिला दिवस की शुभकामनाएँ
महिला दिवस के मौके पर दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को शुभकामनाएँ भेजकर इस खास दिन को और भी यादगार बनाया जा सकता है। कुछ बेहतरीन शुभकामनाएँ इस प्रकार हैं:
- “हर नारी में छुपी है शक्ति अपार,
नारी से ही रौशन है ये संसार।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!” - “जो सिर झुकाए वो औरत नहीं,
जो हालात से घबराए वो औरत नहीं।
नारी है वो, कुछ भी कर सकती है,
जिद पर आ जाए तो दुनिया बदल सकती है।
महिला दिवस की शुभकामनाएँ!” - “नारी ही शक्ति है, नारी ही भाग्य विधाता,
नारी के बिना अधूरा है ये संसार।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाइयाँ!” - “हर दिन नारी का दिन है,
फिर भी आज खास है।
क्योंकि आज के दिन
नारी शक्ति का एहसास है।
महिला दिवस की शुभकामनाएँ!” - “नारी ही समाज की नींव है,
बिना नारी के सब अधूरा है।
महिला दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ!”
महिला दिवस पर हिंदी भाषण
यदि आपको किसी कार्यक्रम या स्कूल में महिला दिवस पर भाषण देना है, तो यहाँ एक प्रेरणादायक भाषण प्रस्तुत है:
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों!
आज हम यहाँ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जो हर साल 8 मार्च को महिलाओं की उपलब्धियों, उनके संघर्षों और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
महिलाएं सिर्फ घर की चार दीवारी तक सीमित नहीं हैं। आज वे शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, खेल, व्यापार, कला, रक्षा और हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं। कल्पना चावला, किरण बेदी, इंदिरा गांधी, मैरी कॉम, साइना नेहवाल जैसी महान महिलाओं ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज भी समाज में कई महिलाएँ भेदभाव, शोषण और अन्याय का सामना कर रही हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर महिला को शिक्षा, समानता और सुरक्षा का अधिकार मिले। जब महिलाएँ आगे बढ़ेंगी, तभी देश प्रगति करेगा।
अंत में, मैं यही कहना चाहूँगा कि—
“एक शिक्षित नारी, एक शिक्षित समाज की जननी होती है।”
आइए, हम सभी महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए एक साथ मिलकर कार्य करें।
धन्यवाद!