आज रात पूजा से पहले इसे ज़रूर पढ़ें: कृष्ण जी की आरती, सच्चे तथ्य, आसान उपाय और टॉप 10 यूट्यूब आरती वीडियो
कृष्ण जी की आरती केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह भक्त और भगवान के बीच प्रेम का सुंदर पल है। हर भारतीय घर में, जब “आरती कुंज बिहारी की” गाई जाती है तो घर में एक अलग ही शांति और आनंद फैल जाता है। यह आरती न केवल जन्माष्टमी पर बल्कि रोज़ाना पूजा, संध्या वंदन, भजन-कीर्तन के बाद भी गाई जाती है। आरती की ध्वनि, घंटियों की टनकार और ताली की गूंज, सब मिलकर वातावरण को दिव्य बना देते हैं।
कृष्ण को हम विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजते हैं। वे प्रेम, करुणा और धर्म के प्रतीक हैं। उनका जन्मोत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी को मनाया जाता है। यह परंपरा न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में फैले मंदिरों और भक्तों के बीच उत्साह से होती है। (संदर्भ: विकिपीडिया)
“आरती कुंज बिहारी की” का महत्व
इस आरती का सबसे सुंदर पहलू है इसका नाम – “कुंज बिहारी”।
- “कुंज” का अर्थ है वृंदावन के बगीचे या उपवन।
- “बिहारी” का अर्थ है उसमें विहार करने वाले।
इस तरह “कुंज बिहारी” वह भगवान हैं जो वृंदावन की कुंजों में खेलते और बांसुरी की धुन से सबको मोहित करते हैं। वृंदावन का प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर इसी नाम और भाव से जुड़ा है। (संदर्भ: विकिपीडिया)
आरती की पंक्तियाँ सीधे-सीधे कृष्ण लीला का चित्र खींचती हैं—
यमुना तट, ग्वाल-बालों का संग, राधा और गोपियों का प्रेम, बांसुरी की ध्वनि, और श्यामसुंदर का मनमोहक रूप। यही कारण है कि यह आरती हर भक्त के दिल को छू लेती है।
“ॐ जय जगदीश हरे” और कृष्ण
बहुत से लोग कृष्ण की पूजा में “ॐ जय जगदीश हरे” भी गाते हैं। यह आरती मूल रूप से भगवान विष्णु की है लेकिन चूंकि कृष्ण विष्णु के ही अवतार हैं, इसलिए लोग इसे भी कृष्ण पूजा में गाते हैं। इसकी लोकप्रियता फिल्मों और सांस्कृतिक आयोजनों से और बढ़ी है। (संदर्भ: विकिपीडिया)
घर पर कृष्ण जी की आरती कैसे करें
- पूजा स्थान को साफ करें और एक दीपक जलाएँ।
- अगरबत्ती या धूप जलाएँ।
- एक छोटी सी घंटी रखें।
- कृष्ण जी की मूर्ति या फोटो के सामने बैठें।
- मन को शांत करें और श्रीकृष्ण का ध्यान करें—मोरपंख, मुरली और उनकी प्यारी मुस्कान की कल्पना करें।
- दीपक को धीरे-धीरे घुमाते हुए “आरती कुंज बिहारी की” गाएँ।
- अंत में दीपक को सबके पास ले जाएँ ताकि सभी आशीर्वाद लें।
- प्रसाद चढ़ाएँ और सभी को बाँटें।
आरती का असली भाव
“आरती” शब्द का अर्थ है—प्रकाश का अर्पण। जब हम दीपक घुमाते हैं तो वह भगवान को हमारा प्रणाम और प्रेम दिखाता है। फिर उसी प्रकाश को माथे से लगाकर आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है। इस प्रक्रिया से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और मन को शांति मिलती है।
आरती गाने का अनुभव
आरती गाते समय धीरे-धीरे सुर पकड़ें। अगर परिवार बड़ा है तो सब मिलकर ताली बजाकर गाएँ। अगर कोई वाद्य यंत्र हो जैसे हारमोनियम या मंजीरा, तो उसका भी प्रयोग करें। लेकिन सबसे ज़रूरी है—भक्ति भाव। आरती किसी गाने की प्रतियोगिता नहीं है, यह प्रेम और आत्मा का संगीत है।
बच्चे और युवा भी समझें
अगर घर में छोटे बच्चे हैं तो उन्हें आरती का अर्थ सरल भाषा में समझाएँ। जैसे—“कुंज बिहारी” मतलब कृष्ण जी जो बगीचों में खेलते हैं, “यमुना तट” मतलब कृष्ण जी जहाँ बांसुरी बजाते हैं। इस तरह बच्चे भी गहराई से जुड़ेंगे और उनमें श्रद्धा बढ़ेगी।
आरती के अलग-अलग रूप
आपको “आरती कुंज बिहारी की” कई सुरों और धुनों में सुनने को मिलेगी। किसी में “जय कन्हैया लाल की” का आलाप जुड़ा होता है, तो किसी में “राधे-राधे” का। अलग-अलग राज्यों और परंपराओं में थोड़े-बहुत बदलाव होते हैं, लेकिन भाव एक ही है—कृष्ण की भक्ति।
वृंदावन और बांके बिहारी मंदिर
अगर आप वृंदावन जाते हैं तो वहाँ आरती का नजारा अविस्मरणीय होता है। बांके बिहारी मंदिर में सुबह और शाम की आरतियाँ हजारों भक्तों के साथ होती हैं। जन्माष्टमी पर आधी रात की आरती विशेष महत्व रखती है। यह अनुभव केवल वहाँ जाने से ही समझा जा सकता है।
श्रीकृष्ण के उपदेश
आरती गाने के साथ-साथ अगर आप हर सप्ताह गीता के 2–3 श्लोक पढ़ लें तो जीवन में और अधिक शांति आएगी। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म, कर्तव्य और भक्ति का संदेश दिया था। गीता हमें सिखाती है कि भक्ति केवल आरती गाने तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक मार्ग है।
आरती प्लेट (थाली) में क्या-क्या रखें?
- एक दीपक (घी या तेल से)
- कुछ फूल
- कपूर (अगर आपकी परंपरा में है)
- छोटी घंटी
- प्रसाद (माखन, मिश्री, फल या मिठाई)
दीपक जलाने के बाद हमेशा सुरक्षा का ध्यान रखें।
कृष्ण जी की टॉप 10 आरती (YouTube Videos)
- आरती कुंज बिहारी की (Lyrics के साथ) – Krishna Aarti
- आरती कुंज बिहारी की – अनुराधा पौडवाल
- आरती कुंज बिहारी की – हरिहरन (जन्माष्टमी स्पेशल)
- आरती कुंज बिहारी की – लखबीर सिंह लक्क्खा
- जन्माष्टमी आरती – आरती कुंज बिहारी की (टी-सीरीज भक्ति सागर)
- बांके बिहारी तेरी आरती गाऊँ – सुरेश वाडकर
- बांके बिहारी जी श्रृंगार आरती (लाइव वृंदावन)
- आरती कुंज बिहारी की – क्लासिक Lyrics Video
- ॐ जय जगदीश हरे – अनुराधा पौडवाल
- ॐ जय जगदीश हरे – (टी-सीरीज आरतियाँ)
Top 10 YouTube Videos of कृष्ण जी की आरती
Here are some beautiful and popular videos you can use to enrich your program:
निष्कर्ष
कृष्ण जी की आरती केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है बल्कि यह मन को शांत करने और भगवान से जुड़ने का सरल साधन है। चाहे आप “आरती कुंज बिहारी की” गाएँ या “ॐ जय जगदीश हरे,” मुख्य बात है—भक्ति और श्रद्धा।
अगर आप रोज़ाना यह आरती करेंगे तो घर में सकारात्मक ऊर्जा, प्रेम और एकता बढ़ेगी। श्रीकृष्ण केवल वृंदावन के बालगोपाल नहीं हैं, वे गीता के उपदेशक भी हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि प्रेम, धर्म और कर्तव्य का संतुलन ही सच्चा जीवन है।
जय श्रीकृष्ण!